Url Kya hota hai? |
हेल्लो नमस्कार दोस्तो मेरा ब्लॉग SaRaisay में आप सबका स्वागत है।दोस्तो आज हर कोई इंटरनेट ब्राउजिंग करता ही है ।कोई सर्च करने के लिए,कोई पड़ने के लिएं तो कोई मनोरंजन के लिए।
लिकिन दोस्तो क्या आपको पता है कि किसी सर्च में वेबसाइट की URL का भूमिका कितना होता है,ओर क्या आपको पता है कि URL आखिर में क्या होता है! वैसे तो आप सब लोग यूआरएल को हजारों बार देख चुके है।लिकिन सायेद आप नहीं जानते होंगे कि
•URL सच में क्या होता है?
•कितने तरह के होते हैं URL?
•एक URL का काम क्या क्या होता है?
•एक URLमें क्या क्या मजुद होता है?
•पहली बार URLकी खोज किसने किया था?
•URL का भूमिका कितना महत्वपूर्ण है?
तो दोस्तो अगर आपकी मन में URL के बारे में जानने का इच्छा बड़ रही है तो इस इस लेख को पूरा पढ़ते रहिए ताकि आपको सठीक एवं सम्पूर्ण ज्ञान मिल जाए।
URL का जन्म:-Wikipedia के अनुसार url 1994 में पहली बार आविष्कार हुआ था।url का आविष्कार टॉम बरनर्स ली के हातो हुआ था जो की www के आविष्कारक भी थे ।
URL क्या होता है?
दोस्तो URL यानी यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर एक ऐसा लोकेशन है जहणपे किसी भी डाटा को या किसी भी information को रखा जा सकता है।
ये URI यानी यूनिफॉर्म रिसोर्स आइडेंटिटी का ही एक specific टाइप है।
अगर आपको किसी example से समझाए तो आप मेरी ब्लॉग को कल्पना कर सकते हैं जाहनपे में किसी लेख को पोस्ट करके उस इंफॉर्मेशन या डाटा को में स्टोर कर रहा हूं।ओर आपलोग उस डाटा को access कर पा रहे है मेरे ब्लॉग की url पर जा करके।तो यहापे मेरे ब्लॉग का url ही उस लेख का लोकेशन हुआ।ऐसे ही किसी भी डाटा को access करने के लिए आपको उस लोकेशन पर जाना ही पड़ता है।
तो दोस्तो अब तो आप समझ ही चुके होंगे कि किसी url एक location address के तर पर काम करता है।एक url का काम किसी डाटा को दिखाने का रास्ता भी होता है।
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URL में क्या क्या मजूद होता है?
दोस्तो URL आपके लिए कुछ
Letters का मिलावट लगता होगा।लिकिन असल में कुछ letters का होना किसी specific काम के लिए होता है।एक example से समझे तो
में आपको एक सामान्य URL दिखाई दे रहा होगा ।लिकिन इस url में तीन बोहोत महत्वपूर्ण चीज सामिल है।
Url के पहले भाग में आपको https नजर आ रहा होगा इसको प्रोटोकॉल कहते हैं,ये कई बार https के बदले http भी होता है।
मध्य में saraisay.blogspot.com है जिसको डोमेन name कहां जाता है।जो किसी वेबसाइट का होम कहां जा सकता है।
ओर last में Sitemap.xml एक main file का इशारा करता है।जो उस वेबसाइट में स्तिथ है।
अगर आप उस लिंक को क्लिक करेंगे या सर्च करेंगे तो आपको वो file डायरेक्ट दिख जाएगा।
URL कितने types का होता है?
अब आप सोचेंगे की url का क्या types हो सकता है!लिकिन आपको बता दे की url भी बोहोत types होता है।जिसमें है
Protocol-relative URL,ये एक ऐसा url होता है जिसमें protocol यानी https ओर http नहीं होता।जैसे कि example से समझे तो saraisay.blogspot.com एक protocol-relative URL है ।
ऐसे ही बोहोत सारे ओर भी url है जैसे
Absolute url,ये एक लंबा url होता है जिसमें एक exact file की लोकेशन होता है। जैसे https://example.com/image/welcome.gif एक absolute url है।
Relative url,ये भी एक absolute url की तरह ही फाइल का लोकेशन होता है जिसमें मेन डोमेन नेम नहीं होता ओर इसीलिए ये एक छोटा url होता है।इसका link बोहोत छोटा होने का कारण relative url को बोहोत से webmasters यूज करते हैं।
URL इतना महत्वपूर्ण क्यूं है?
जब भी आप किसी चीज को Google पर सर्च करते हो तो आपकी सर्च किया हुआ डाटा server के साथ fetch हो कर जहां जहां पर भी सर्च रिलेटेड इंफॉर्मेशन मजुद है उसका लोकेशन यानी लिंक को एक दो सेकंड में आपके सामने दिखाया जाता है।यहां पर गर करने वाला बात यह है कि किसी भी url ,उसकी अंदर का इंफॉर्मेशन का लोकेशन है।
♦जानिए google के बारे में सब कुछ।
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अब अगर url नहीं होगा तो वो इंफॉर्मेशन कभी नहीं मिलेगा।अगर लोकेशन नहीं रहेगा तो आप इंफॉर्मेशन को access भी नहीं कर सकते।
तो दोस्तो ये था कुछ url के बारे में जानकारी जो मैंने आपके साथ शेयर किए।आशा करता हूं मैंने आपको url के बारे में बारीकी से समझा पाया हूं।अगर आप कुछ पूछ ना चाहते हैं या फिर कुछ सुझाव देना चाहते हो तो आप मेरेको Instagram (SaRaisayofficial) पर फॉलो कर सकते हो।आजके लिए इतना ही आपसे फिर मुलाकात होगा फिर एक नया,मजेदार,ज्ञान से भरा हुआ लेख के साथ।आप सबको ये पोस्ट पूरा पड़ने के लिए धन्यवाद।
जय हिन्द
बंदे मातरम..............
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